भिलाई। नवीन शासकीय संगीत महाविद्यालय एदुर्ग द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास को लेकर भाव राग मंजरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथिं के रूप में डॉ सुशील चंद्र तिवारी डायरेक्टर शंकरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी एपूर्व अपर संचालक उच्च शिक्षा दुर्ग संभाग उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ तिवारी ने कहा कि इस महाविद्यालय ने शुरुवात में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है, ऐसे कार्यक्रम का आयोजन सुंदर सांस्कृतिक वातावरण तैयार करते हैं कला आत्मनिर्भर होना सिखाती हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ ऋचा ठाकुर ने इस आयोजन के मुख्य उद्देश्य को बताते हुए कहा कि शास्त्रीय प्रदर्शनात्मक कलाओ के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करने के साथ ही मंच पर जाने की हिचक को भी दूर करना है इसीलिए इसकी टैग लाइन दी गयी है मंच प्रदर्शन संकोच से स्वाभिमान तक द्य भाव.राग मंजरी कार्यक्रम लगातार किया जायेगा एजो अध्ययनरत हैं उन सभी को मंच की मर्यादा भी बताई जाएगी। शासकीय वी वाय टी दुर्ग के इतिहास विभाग की प्राध्यापक डॉ ज्योति धारकर मैडम ने कहा कलाएं मानव होना सिखाती हैं।
महाविद्यालय कार्यक्रम का शुभारम्भ पारंपरिक स्वरुप से माँ सरस्वती के वंदन एवं राज गीत अरपा पैरी के धार गीत से हुआ से हुआ। बीपीए प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने राग भुपाली में छोटा ख्याल की बंदिश प्रस्तुत की एवहीँ द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने राग भीमपलासी में बड़ा ख्याल की मनभावन प्रस्तुति दी। भरतनाट्यम विभाग से रजत कुमार ने शिव वंदना भो.शम्भो नृत्त का शानदार प्रदर्शन किया। प्रथम वर्ष के सुरेश बारसागाड़े ने फैज अहमद फैज की गज़़ल गायकी की जगदीश बामनिया ने अंग्रेजी साहित्य के इतिहास पर अपने विचार व्यक्त किये साथ ही अमन मेश्राम ने स्वलिखित कविता इंडियन आर्ट एंड कल्चर सुनाई।
लोक संगीत विभाग के द्वितीय वर्ष द्वारा बिहाव गीत और प्रथम वर्ष ने सोहर गीत गाकर सुन्दर माहौल बना दिया. कार्यक्रम का अंत छात्राओं के मनभावन सुवा नृत्य से हुआए नेपथ्य में छात्रो की आवाज़ ने चार चाँद लगा दिए कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिथि प्राध्यापको डॉ संगीता चौबे, गजेन्द्र यादव, सर्वजीत बाम्बेश्वर अपराजिता चटर्जी का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर मीडिया साथी डॉ कल्पना अग्रवाल, डॉ के पद्मावती एश्री धनराज भोयर ए पालकगण उपस्थित थे द्य सभी इस कार्यक्रम की सराहना की औए ऐसे आयोजनों को करते रहने की बात कही।