वैभव के क्रिकेटर करियर में उनके पिता का बड़ा रोल है। वैभव को बचपन से ही क्रिकेट से गहरा लगाव था। पिता संजीव सूर्यवंशी बेटे को पांच साल की उम्र से ही नेट प्रैक्टिस करवाने लगे। कोरोना काल में प्रैक्टिस ना रुके इसके लिए घर पर ही नेट लगवाया। इसके बाद वैभव ने समस्तीपुर की क्रिकेट अकैडमी में दाखिला लिया। धीरे-धीरे उम्र के साथ उनका हुनर निखरता गया और ट्रेनिंग बढ़ती गई। हर पिता की तरह संजीव का भी सपना है कि उनका बेटा भारतीय टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेले।